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सामाजिक, सैद्धांतिक, बौद्धिक, भावनात्मक और नैतिक क्षमताओं के विकास में अध्यापक की भूमिका पर डाला प्रकाश
एमएम शिक्षण महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति 2020 में शैक्षणिक परिवर्तन विषय पर कार्यक्रम
फतेहाबाद।
मनोहर मैमोरियल शिक्षण महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति 2020 में शैक्षणिक परिवर्तन विषय पर चल रहे 6 दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के दूसरे दिन का शुभारंभ कार्यक्रम संचालिका डॉ. कविता बत्रा द्वारा किया गया। उन्होंने प्रथम दिवस की गतिविधियों की संक्षिप्त रिपोर्ट को रखा। तत्पश्चात मनोहर मेमोरियल शिक्षण विद्यालय की प्राचार्या डॉ जनक रानी व मनोहर मेमोरियल पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ . गुरचरण दास द्वारा मुख्य वक्ता डॉ. प्रगट सिंह गरचा, प्राचार्य जीएचजी खालसा शिक्षण महाविद्यालय, लुधियाना का स्वागत किया गया। इस सत्र में मुख्य वक्ता द्वारा प्रतिभागियों को सामाजिक, सैद्धांतिक, बौद्धिक, भावनात्मक और नैतिक क्षमताओं के विकास में अध्यापक की भूमिका से परिचय करवाया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन के दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. सुशांत नागपाल, गुजरात विश्वविद्यालय से रही। उन्होंने अपने वक्तव्य में रोजगार योग्यता कौशल की महत्वपूर्ण भूमिका से प्रतिभागियों को अनेक उदाहरणों के माध्यम से परिचित करवाया। तीसरे सत्र में रिसोर्स पर्सन डॉ. विनोद सनवाल, गौतम बुद्धा यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा रहे। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि रिसर्च पेपर क्यों और कैसे लिखे जाते हैं। इस रिसर्च पेपरों को किस प्रकार पब्लिश किया जाता है, के बारे में विस्तार से चर्चा की। तीसरे दिन के पहले सत्र में एमएम पीजी कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुरचरण दास ने नई शिक्षा नीति-2020 पर विस्तृत चर्चा करते हुए अपने विचार रखे। द्वितीय सत्र में श्रीमती प्रतिभा मखीजा, एसोसिएट प्रोफेसर एम.एम.पी.जी. कॉलेज फतेहाबाद ने एजुकेशन एप्रोच ऑफ एन.ई.पी. 2020 के विषय मे अपनी बात रखी। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. जनक मेहता द्वारा आए हुए प्रतिभागियों और मुख्य वक्ता का धन्यवाद किया। बता दें कि यह फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम 26 अगस्त तक चलेगा, जिसमें देशभर की यूनिवर्सिटीयों व कॉलेजों से विशेषज्ञ नई शिक्षा नीति पर अपने विचारों को सांझा कर रहे हैं।






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