मनोहर मैमोरियल शिक्षण महाविद्यालय में आईक्यूएसी विभाग की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : भारतीय ज्ञान परम्परा पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर उत्तरप्रदेश के प्रयागराज से आए प्रो. पार्थ सारथी पाण्डेय ने भाग लिया। उन्होंने भारतीय ज्ञान परम्परा के सुक्ष्म एव वृहम ज्ञान को बेहद शानदार तरीके से समझाया। शिक्षण महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. जनक रानी ने मुख्य वक्ता का कॉलेज में पहुंचने पर स्वागत किया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रो. पार्थ सारथी ने अध्यात्मिक और वैज्ञानिक ज्ञान को जोड़ते हुए सत्यम्, शिवम्, सुन्दरम् पर प्रकाश डाला और कहा कि ज्ञान द्वारा सत्य को, प्रयत्न द्वारा शिव को तथा इच्छा द्वारा सुंदरता को प्राप्त कर ईश्वरीय शक्तियों को अनुभूत किया जा सकता है। आध्यात्मिक ज्ञान, सामाजिक ज्ञान एवं वैज्ञानिक ज्ञान को शिक्षा द्वारा ही सरलतापूर्वक समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत की परम्पराओं को आज विश्व भी अपना रहा है। हमें और हमारी भावी पीढिय़ों को भी भारत की प्राचीन मूल्य को यथोचित महत्व देना होगा। इसके लिए आतंरिक ज्ञान, गुण, शक्ति एवं आदर्शों को ठीक रूप से पहचानना एवं सही दिशा प्रदान करना होगा। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है आध्यात्म को विज्ञान से, परमार्थ को व्यवहार से, परंपरा को आधुनिकता से जोड़ते हुए वैयक्तिक, सामाजिक एवं वैश्विक जीवन में समरसता के लिए एकता के सूत्र खोजने की। कॉलेज के छात्र-छात्राओं और फैकल्टी मैम्बर ने ऐसे ही व्याख्यान को आगे आयोजित करने की भी इच्छा जाहिर की। आईक्यूएसी विभाग की अध्यक्ष डॉ. कविता बत्रा ने मुख्य वक्ता का धन्यवाद किया और अंत में उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।