समाजसेवक और समाज सुधारक स्वामी विवेकानंद के विचार युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। उनका कहना था कि ‘उठो जागो और तब तक मत रूको, जब तक तुम्हें तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।’ स्वामी विवेकानंद ने भारतीय समाज को जागरूक करने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया था। उनकी जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह बात मनोहर मैमोरियल शिक्षण महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य पर आध्यात्मिक प्रकोष्ठ व एनएसएस यूनिट द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आध्यात्मिक प्रकोष्ठ की इंचार्ज सुनीता तलवाड़ ने कही।
कॉलेज में स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों को उनके जीवन दर्शन पर एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई, जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद जी के जीवन दर्शन से अवगत करवाना था। सुनीता तलवाड़ ने बताया कि स्वामी विवेकानंद पूरे विश्व में अध्यात्म का संदेश देने वाले महान गुरू प्रवर्तक रहे। उनके द्वारा दिए गए संदेश और उनके विचार युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गए क्योंकि वे अपने अधिकतर संदेश और भाषण में युवाओं को संबोधित करते थे, इसलिए उनके विचारों को युवाओं की सफलता का मूल मंत्र कहा जाता है। स्वामी विवेकानंद के विचार युवाओं को सफलता की ओर आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित करते हैं। डॉक्यूमेंट्री के बाद सभी विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से क्या प्रेरणा मिली, इसके बारे मंं अपने विचार रखें। अंत में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. जनक रानी ने आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के इंचार्ज सुनीता तलवाड़, डॉ. कमला जोशी सहित समस्त स्टाफ सदस्यों व विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमें विवेकानंद जी के विचारों से प्रेरणा लेकर उसको अपने जीवन में अपनाना चाहिए।